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निपात
Meanings: 33; in Dictionaries: 9
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নিপাত
Meanings: 3; in Dictionaries: 2
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ନିପାତ
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 1.012547 | Lang: NA
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ਨਿਪਾਤ
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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નિપાત
Meanings: 2; in Dictionaries: 1
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demolition
Meanings: 8; in Dictionaries: 5
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destruction
Meanings: 17; in Dictionaries: 8
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wipeout
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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lung collapse
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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core drop
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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crippling load
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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collapse mechanism
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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collapsible tap
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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collpsing pressure
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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अवधारक शब्द
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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अवधारणात्मक शब्द
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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top contraction
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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-
collapse load
Meanings: 2; in Dictionaries: 2
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collpsible core bar
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अश्रुप्रवाह
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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धारापात
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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पांसुवर्ष
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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संनिपातक
Meanings: 2; in Dictionaries: 2
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anticlimax
Meanings: 5; in Dictionaries: 3
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दृष्टिनिपात
Meanings: 3; in Dictionaries: 2
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निकुलीनिका
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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collapse
Meanings: 24; in Dictionaries: 14
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धारासम्पात
Meanings: 3; in Dictionaries: 2
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केनिपात
Meanings: 5; in Dictionaries: 3
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निःपात
Meanings: 5; in Dictionaries: 5
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अश्रुपात
Meanings: 7; in Dictionaries: 5
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कर्मप्रवचनीय
Meanings: 2; in Dictionaries: 1
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particle
Meanings: 16; in Dictionaries: 13
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संक्रान्तिव्रत - संक्रान्तिव्रत वङ्गऋषिसम्मत
व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है ।
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उद्घ
Meanings: 16; in Dictionaries: 3
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मण्डल ४ - सूक्तं ५५
ऋग्वेद फार प्राचीन वेद आहे. यात १० मंडल आणि १०५५२ मंत्र आहेत. ऋग्वेद म्हणजे ऋषींनी देवतांची केलेली प्रार्थना आणि स्तुति.
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रोग हनन व्रत - उदरगुल्महरव्रत
व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है ।
Type: PAGE | Rank: 0.01956558 | Lang: NA
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तृतीयं बाम्हणं - भाष्यं १
सदर ग्रंथाचे लेखक विष्णुशास्त्री वामन बापट (जन्म: पाऊनवल्ली-राजापूर तालुका, रत्नागिरी जिल्हा, मे २२, इ.स. १८७१; मृत्यू : डिसेंबर २०, इ.स. १९३२) हे महाराष्ट्रातील एक शांकरमतानुयायी अद्वैती, प्राचीन संस्कृत वाङ्मयाचे भाषांतरकार आणि भाष्यकार होते.
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उपमालंकार - लक्षण ३७
रसगंगाधर ग्रंथाचे लेखक पंडितराज जगन्नाथ होत. व्याकरण हा भाषेचा पाया आहे.
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load
Meanings: 72; in Dictionaries: 20
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तृतीयं बाम्हणं - भाष्यं ९
सदर ग्रंथाचे लेखक विष्णुशास्त्री वामन बापट (जन्म: पाऊनवल्ली-राजापूर तालुका, रत्नागिरी जिल्हा, मे २२, इ.स. १८७१; मृत्यू : डिसेंबर २०, इ.स. १९३२) हे महाराष्ट्रातील एक शांकरमतानुयायी अद्वैती, प्राचीन संस्कृत वाङ्मयाचे भाषांतरकार आणि भाष्यकार होते.
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उपमालंकार - लक्षण ३०
रसगंगाधर ग्रंथाचे लेखक पंडितराज जगन्नाथ होत. व्याकरण हा भाषेचा पाया आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.01565246 | Lang: NA
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नको
Meanings: 3; in Dictionaries: 3
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प्रायश्चित्तमयूख - प्रायश्चित्त २० वे
विधिविहित नित्यकर्म (संध्यादि) न केल्यामुळे, पाप केल्याने व सुरा इत्यादि निषिद्ध पदार्थांचे सेवन केल्यानें त्याच्या शुद्धिसाठी जें कर्म सांगण्यात येतें तें प्रायश्चित्त होय.
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त्रयोविंशोऽध्यायः - अनिष्ट
सृष्टीचमत्काराची कारणे समजून घेण्याची जिज्ञासा तृप्त करण्यासाठी प्राचीन भारतातील बुद्धिमान ऋषीमुनी, महर्षींनी नानाविध शास्त्रे जगाला उपलब्ध करून दिली आहेत, त्यापैकीच एक ज्योतिषशास्त्र होय.
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अध्याय १ - भाग १
महर्षि पाणिनी द्वारा रचित अष्टाध्यायी हा संस्कृत व्याकरणावरील एक अत्यंत प्राचीन ग्रंथ आहे , जो ई . पू . ५००व्या शतकात रचला गेला .
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अध्याय १८ वा - श्लोक १६ ते २०
श्रीकृष्णदयार्णवकृत हरिवरदा
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स्फ़ुट पदें व अभंग - ३६ ते ४०
' हरिवरदा ’ ग्रंथातील वेदस्तुती भागाची ही रसाळ प्राकृत भाषेत स्वामी श्रीकृष्णदयार्णव स्वामींनी लिहीलेली टीका आहे.
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उपमालंकार - लक्षण ३१
रसगंगाधर ग्रंथाचे लेखक पंडितराज जगन्नाथ होत. व्याकरण हा भाषेचा पाया आहे.
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फुलांची ओंजळ
कवी 'बी' हे कवींचे कवी आहेत. अनेक कवींना स्फूर्ति पुरविण्याइतके चैतन्य व तेज त्यांच्या कवितेत काठोकाठ भरलेले आहे.
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